Berlin Movie Review: अतुल सभरवाल द्वारा निर्देशित और अपारशक्ति खुराना और इश्वाक सिंह अभिनीत जासूसी फिल्म “बर्लिन” ने दर्शकों के बीच एक नई चर्चा छेड़ दी है। इस फिल्म का असली हीरो न तो इसके पात्र हैं और न ही इसकी कहानी, बल्कि इसका प्रोडक्शन डिज़ाइन है। इस लेख में हम “बर्लिन” फिल्म की समीक्षा करेंगे और जानेंगे कि कैसे इसका प्रोडक्शन डिज़ाइन इसे एक अनोखा अनुभव बनाता है।
Berlin Movie Review
“बर्लिन” एक जासूसी थ्रिलर है जो 1993 के दिल्ली में सेट की गई है। फिल्म की कहानी दो मुख्य पात्रों, पुष्किन वर्मा (अपारशक्ति खुराना) और अशोक कुमार (इश्वाक सिंह) के इर्द-गिर्द घूमती है। पुष्किन एक साइन लैंग्वेज टीचर है, जबकि अशोक एक मूक-बधिर व्यक्ति है जिसे विदेशी जासूस होने का आरोप है।

प्रोडक्शन डिज़ाइन: फिल्म का असली हीरो
फिल्म का प्रोडक्शन डिज़ाइन इसे एक अनोखा और यादगार अनुभव बनाता है। दिल्ली के 1993 के दृश्य को जीवंत करने के लिए, फिल्म में ग्रे और डल रंगों का उपयोग किया गया है। फिल्म में बर्लिन कैफे का सेटअप विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करता है, जो कनॉट प्लेस की प्रसिद्ध गोलाई में स्थित है।
पात्र और उनकी परफॉर्मेंस
फिल्म में अपारशक्ति खुराना और इश्वाक सिंह ने बेहतरीन अभिनय किया है। अपारशक्ति का पुष्किन वर्मा का किरदार एक साधारण व्यक्ति का है, जो साइन लैंग्वेज में माहिर है। इश्वाक सिंह का अशोक कुमार का किरदार एक मूक-बधिर व्यक्ति का है, जो अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई से सभी को प्रभावित करता है।
कहानी और निर्देशन
फिल्म की कहानी में कई ट्विस्ट और टर्न्स हैं, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखते हैं। अतुल सभरवाल का निर्देशन फिल्म को एक धीमी जलन की तरह बनाता है, जो धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंचती है। फिल्म में कई सस्पेंस और थ्रिलिंग मोमेंट्स हैं, जो दर्शकों को अपनी सीट से बांधे रखते हैं।
फिल्म का वातावरण और मूड
फिल्म का वातावरण और मूड इसे एक अनोखा अनुभव बनाते हैं। फिल्म में दिल्ली के सर्दियों के मौसम को बखूबी दिखाया गया है, जहां आसमान में बादल छाए रहते हैं और सूरज की रोशनी नहीं दिखती। फिल्म में रंगों का उपयोग बहुत ही सीमित है, जो इसे और भी अधिक वास्तविक बनाता है।
फिल्म की कमजोरियां
हालांकि फिल्म का प्रोडक्शन डिज़ाइन और अभिनय बेहतरीन हैं, लेकिन फिल्म में कुछ कमजोरियां भी हैं। फिल्म की गति कुछ जगहों पर धीमी हो जाती है, जिससे दर्शकों का ध्यान भटक सकता है। इसके अलावा, फिल्म में कुछ पात्रों का विकास अधूरा लगता है।

निष्कर्ष: Berlin Movie Review
“बर्लिन” एक बेहतरीन जासूसी थ्रिलर है, जो अपने प्रोडक्शन डिज़ाइन और बेहतरीन अभिनय के लिए जानी जाएगी। फिल्म का वातावरण और मूड इसे एक अनोखा अनुभव बनाते हैं। हालांकि फिल्म में कुछ कमजोरियां हैं, लेकिन इसके बावजूद यह दर्शकों को अंत तक बांधे रखने में सफल होती है। यदि आप जासूसी फिल्मों के शौकीन हैं, तो “बर्लिन” आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
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