Gharelu Nuskhe in hindi: कुछ साधारण घरेलू उपचार, त्रिफला तीन उपयोगी फलों

Gharelu Nuskhe in hindi

Gharelu Nuskhe in hindi: हल्दी एक जड़ का पाउडर होता है। हमारे देश में इसका भोजन में मसाले के रूप में और दवाई के रूप में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। हजारों वर्षों से औषधीय एंटीसेप्टिक गुणों के बारे में इसको जाना जाता है। बहते रक्त वाले घावों को रोकने के लिए उस पर हल्दी पाउडर रखकर दबाएं। हल्दी में घाव को भरने के बहुत गुण हैं। लोग घावों और खरोंचों को भरने के लिए हल्दी के तेल का इस्तेमाल करते हैं। यह एक अच्छा रिवाज है। रंग को सुधारने के लिए उबटन के रूप में नहाने के समय हल्दी को दूध और चना दाल के आटे (बेसन) के साथ मिलाकर लगाने का भी रिवाज है।

Gharelu Nuskhe in hindi | त्रिफला तीन के उपयोगी फल

Gharelu Nuskhe in hindi
Gharelu Nuskhe in hindi

त्रिफला कैसे बनता है? त्रिफला तीन उपयोगी फलों- आंवला, हरड़ और बेहड़ा का मिश्रण है जो काफी उपयोगी है। हम त्रिफला चूर्ण को कब्ज के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मोटापा घटाने और मधुमेह कम करने में काफी उपयोगी है। घावों को भरने के लिए इसे लगाने से काफी लाभ होता है। त्रिफला चूर्ण को नहाते समय चमड़ी पर लगाया जा सकता है। इसका काढ़ा सूजे हुए गले, मुखपाक और खून बहते मसूड़े जैसे रोगों में उपयोगी होता है। त्रिफला चूर्ण का उपयोग टूथ पाउडर के रूप में और दृष्टिविकारों को दूर करने के लिए भी किया जाता है।

जोड़ों के दर्द कैसे दूर करें? जोड़ों के दर्द के लिए तेल की मालिश अच्छी रहती है। फिर भी जोड़ों के दर्द के लिए दवाइयों की जरूरत होती है। तिल के तेल, सरसों का तेल और नारियल के तेल को मालिश के लिए अच्छा समझा जाता है। मालिश करवाने से त्वचा में रक्त का संचार बढ़ता है।

मुलेठी का क्या होता है? मुलेठी एक बहुत उपयोगी पौधा है। यह छोटे-छोटे सूखे हुए डंडे (स्टिक) के रूप में मिलती है। यदि गले में खरास हो तो उसको सुधारने के लिए इसके तने का उपयोग किया जाता है। मुलेठी का चूर्ण खांसी और उच्च अम्लता में उपयोगी होता है। जब गाय के दूध के साथ इसे दिया जाता है तो यह दिमाग के कार्य को सुधारती है। यह पित्त विकारों में उपयोगी है क्योंकि मुलेठी में ठंडा करने वाले गुण होते हैं।

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त्वचा की चमक को सुधारने के लिए मुलेठी का बाह्य उपयोग किया जाता है। इसके पाउडर को हल्दी पाउडर और दूध के साथ लगाया जाता है।

लहसुन (एल्लियम सटवम)

लहसून का उपयोग कैसे करें? यह लहसुन अथवा रशुना जैसे कई नामों के द्वारा जाना जाता है, लहसुन के औषधीय गुण प्राचीन काल से जाने जाते हैं। प्राचीन ग्रीस में ओलम्पिक के प्रतियोगी खेल शुरू होने से पूर्व लहसुन की एक गांठ इस विश्वास के साथ चबाते थे कि इससे शक्ति बढ़ती है। हजारों वर्षों से लहसुन सबसे अधिक प्रसिद्ध औषधीय पौधों में से एक रहा है।

Gharelu Nuskhe in hindi: आमतौर पर इसे एक पाचक एसिड के रूप में जाना जाता है, लहसुन पित्त उत्पादन बढ़ाता है जिससे पाचन बढ़ता है और पेट की गैस कम होती है।

लहसुन का उपयोग कोलस्ट्रोल कम करने, उच्च रक्त चाप घटाने और श्वसनी-शोथ एवं दमा जैसी श्वसनी समस्याओं का
उपचार करने में किया जाता है।

भारत में या तो कच्चे लहसुन की गांठों को चबाया जाता है अथवा अन्य सब्जियों के साथ मिलाया जाता है और पकाया जाता है। इसका उपयोग अचार के रूप में भी किया जाता है।

नागफनी (पाकीकेरियस पेकटिन-एबोरीजीनम)

नागफनी का उपयोग क्या होता है? अगर उबला हुआ पानी न मिले और मिलने की उम्मीद भी न हो तो नागफनी के रस से घाव को साफ किया जाता है।

नागफनी खून के बहने को भी रोकता है क्योंकि उसका रस खून की शिराओं को बंद कर देता है।

साफ चाकू से नागफनी का एक टुकड़ा काटें और इसे घाव पर रखकर मजबूती से दबा दें।

जब रक्त बहना बन्द हो जाये तो नागफनी के एक टुकड़े को पट्टी से घाव पर बांध दें।

दो-तीन घंटे के बाद, नागफनी को उतारें और घाव को उबले हुए पानी और साबुन से साफ कर लें। घावों का ख्याल रखने और घाव से रक्त को रोकना आवश्यक होता है।

पपीता

पपीता का उपयोग: कच्चा पपीता विर्तामनो से भरपूर होता है और पाचन में भी सहायक होता है। कमजोर या बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए पपीता खाना तब विशेषकर लाभदायक होता है जब वे मीट, चिकन या अंडे खाते हैं और पेट की गड़बड़ी की शिकायत करते हैं। पपीता खाने से ये आहार आसानी से पच जाते हैं।

पपीता खाने से आंत के कीड़े से भी छुटकारा मिल जाता है हालांकि आधुनिक दवाइयां ज्यादा अच्छा काम करती हैं।

पपीते के पेड़ को काटते समय या उसके फल तोड़ते समय जो दूधङ निकलता है उसके 3 या 4 चम्मच (15-20 मि.ली.) लें। फिर उसमें उतना ही शहद मिलाकर एक गर्म पानी में मिलायें अगर हो सके तो इसे रेचक (लेक्सेटिव) के साथ पियें।

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