Home Remedies in Hindi: ज्यादातर रोगों के लिए किसी भी दवा की जरूरत नहीं होती। हमारे शरीर में आत्मरक्षा करने की अपनी शक्ति होती है। दूसरे शब्दों में कह लीजिए कि हमारे शरीर में बीमारियों से बचने और उनके साथ लड़ने के अपने ही ढंग है। और प्रायः स्वास्थ्य के लिए दवाओं से अधिक प्रभावशाली और महत्वपूर्ण यह प्राकृतिक आत्मरक्षण ही होता है।
सर्दी-जुकाम और फ्लू सहित ज्यादातर बीमारियों से लोग अपने आप छुटकारा पा लेते हैं बिना दवाओं का सेवन किये।
Home Remedies in Hindi | बिना दवाओं का इलाज कैसे करें?

बीमारियों का सामना करने के लिए प्रायः सभी को इन बातों को ध्यान में रखने की आवश्यकता होती है-
- साफ-सफाई रखे
- ज्यादा से ज्यादा आराम करे
- ठीक से खाएं
ज्यादा गम्भीर बीमारियों में यदि दवाओं की जरूरत पड़ती भी है, तब भी शरीर को ही बीमारी के साथ मुकाबला करके जीतना पड़ता है। दवायें तो केवल शरीर को मुकाबला करने में सहायता करती हैं। सफाई, आराम और पोषक आहार उस स्थिति में भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
स्वास्थ्य की देखभाल की कला दवाओं पर निर्भर नहीं है, और न होनी ही चाहिए। यदि आप किसी ऐसी जगह पर रहते हो, जहां आधुनिक दवायें न मिलती हो तो वहां भी आप अधिकतर सामान्य रोगों की रोकथाम और चिकित्सा कर सकते हैं-यदि आप उसका तरीका सीख लें।
बहुत सी बीमारियों की रोकथाम और चिकित्सा बिना दवाओं के ही की जा सकती है।
यदि लोग केवल यह जान जाये कि पानी का सही प्रयोग कैसे करना चाहिए तो एक इसी बात का प्रभाव बीमारियों को रोकने और ठीक करने में उन सब दवाओं से ज्यादा होगा जिनका वे सही या गलत इस्तेमाल (सदुपयोग या दुरूपयोग) करते हैं।
पानी के साथ चिकित्सा | Home Remedies in Hindi
हममें से ज्यादातर लोग दवाओं के बिना रह सकते हैं। लेकिन पानी के बिना कोई नहीं रह सकता। वास्तव में, मानव शरीर का आधे से ज्यादा भाग (57 प्रतिशत) पानी ही है। यदि दूर के गांवों में रहने वाला हर व्यक्ति पानी का सही प्रयोग करना सीख जाये तो बीमारी और मृत्युदर। (विशेष रूप से बच्चों की) को घटाकर आधा किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए दस्तों से बचाव और उसका इलाज दोनों में ही पानी के ठीक प्रयोग का विशेष महत्व है। बहुत से क्षेत्रों में शिशुओं की बीमारी और मृत्यु का मुख्य कारण दस्त ही है। और इस मुख्य कारण के लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार दूषित (गंदा) पानी ही होता है।
दस्तों की रोकथाम और भोजन तैयार करने के लिए उबला हुआ पानी प्रयोग किया जाये। शुिशुओं के खाने के बर्तनों और दूध पीने की बोतल को भी उबाला जाना चाहिए। टट्टी जाने के बाद अपने हाथ साबुन और पानी से धोना और खाना खाने से पहले या कुछ भी खाने की चीज को उठाने से पहले भी धोना उतना ही जरूरी है। पेयजल स्रोत दूषित न हो। अपने कुएं को ठीक तरह से ढक कर रखे।

दस्तों का उपचार | Home Remedies in Hindi
दस्तों की वजह से शिशुओं की मृत्यु का आम कारण होता है अति निर्जलन, अर्थात् शरीर में पानी की बहुत ज्यादा कमी हो जाना। दस्तों से पीड़ित शिशु को काफी मात्रा में पानी (अच्छा हो यदि शहद या चीनी और नमक मिला नारियल पानी हो) देने से उसे प्राःय निर्जलन से बचाया जा सकता है। यदि निर्जलन हो जाये तो भी शिशु की हालत में सुधार लाया जा सकता है।
दस्तो से पीड़ित शिशु को काफी मात्रा में तरल पदार्थ देना दवाएं देने से कहीं ज्यादा आवश्यक और महत्वपूर्ण है। वास्तव में, यदि दस्तों के दौरान पानी की उचित मात्रा ली जाये तो दवा की जरूरत ही नहीं होती।
पानी का सही इस्तेमाल दवाओं से ज्यादा लाभ करता है।
बचाव | Home Remedies in Hindi
बचाव के लिए | पानी का इस्तेमाल |
दस्त, कृमि (पेट के कीड़े), आंत के रोग | पानी को उबालकर पियें। हाथों को धोयें, आदि। |
चमड़ी के रोग | बार-बार नहाये |
जब घाव छूतहा बन रहे हो, धनुर्वात (टेटनस) | पानी से अच्छी तरह साफ करें। |
चिकित्सा | Home Remedies in Hindi
इन बीमारियों की चिकित्सा के लिए | पानी का इस्तेमाल |
दस्त, निर्जलन | तरल पदार्थों को काफी मात्रा में पियें |
ऐसा रोग जिसमें बुखार भी हो | तरल पदार्थों को काफी मात्रा में पिये |
तेज बुखार | शरीर पर ठंडा पानी डालें |
साधारण मुत्रीय छूत रोग (ये ज्यादातर स्त्रियों को होते हैं) | काफी मात्रा में पानी पिये। |
खांसी, दमा, श्वास नली शोच | काफी मात्रा में पानी पिये तथा बलगम की जकड़ को कम करने के लिए पानी के वाष्पों को सांस के साथ अंदर खोचे |
घाव, ‘इम्र्पोटगों, चमड़ी था सिर का दाद, रूसी, फुसियां | साबुन और पानी में धोयें |
छूतहा घाव फोड़े और व्रण | गर्म पानी से धोएं या गर्म पानी से सेक करे (पट्टी रखकर) |
अकड़े और दर्द कर रहे जोड़ और मांस पेशिया | गर्म पानी से सेक करें (पट्टी रखकर) |
चमड़ी में खुजली या जलन या जब चमड़ी रिस रही हो | ठंडे पानी की पट्टी रखें |
जब थोड़ी सी जगह जल जाये | जली हुई जगह को ठेडे पानी में डुबायें |
गला खराब होना या टांसिल हो जाना | हल्के गर्म पानी में नमक डाल कर गरारे करें |
जब आंख में कोई अम्ल, क्षारपूर्ण जल, धूल या जलन पैदा करने वाली चीज पड़ जाये | उसी समय आंख में ठंडा पानी डालें |
बंद नाक | नाक के रास्ते नमक मिला पानी ऊपर खीचें। |
कब्ज, सख्त मल (टट्टी) | काफी मात्रा में पानी पियें। एनीमा रेचक दवाओं से सुरक्षित है, लेकिन इसका भी ज्यादा प्रयोग न करें। |
Home Remedies in Hindi: ऊपर लिखी बहुत सी समस्याओं में अगर पानी का सही प्रयोग किया जाये तो प्रायः दवाओं की आवश्यकता नहीं होती। इस लेख में आप बिना दवाओं के प्रयोग के इलाज संबंधी कई सुझाव पायेंगे। दवाओं का तभी प्रयोग करें जब उनकी अत्यंत आवश्यकता हो।
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