Narco Test in hindi: नार्को टेस्ट, जिसे ‘ट्रुथ सीरम टेस्ट’ के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा परीक्षण है जिसमें व्यक्ति को एक विशेष तरह दवा दी जाती है जिससे उसकी मानसिक स्थिति बदल जाती है और वह सच बोलने के लिए उत्सुक हो जाता है। नार्को टेस्ट एक महत्वपूर्ण उपकरण है जिसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। हालांकि, पॉलीग्राफ टेस्ट की तरह इसकी विश्वसनीयता और नैतिकता पर सवाल उठते रहते हैं और इसे पूरी तरह से सटीक नहीं माना जा सकता। इसलिए, नार्को टेस्ट के परिणामों को अन्य सबूतों के साथ मिलाकर ही अंतिम निर्णय लिया जाता है।
Narco Test in hindi

नार्को टेस्ट का परिचय (Introduction to Narco Test): नार्को टेस्ट का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं। इस परीक्षण में व्यक्ति को सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन या सोडियम अमाइटल जैसी दवाएं दी जाती हैं। ये दवाएं व्यक्ति को नींद जैसी स्थिति में ले जाती हैं, जिससे उसकी मानसिक कन्ट्रोल कम हो जाता हैं और वह सच बोलने के लिए उत्साहित हो जाता है।
Process of Narco Test in hindi
- दवा का प्रशासन (Administration of Drug): सबसे पहले, व्यक्ति को एक विशेष दवा दी जाती है जो उसकी मानसिक स्थिति को बदल देती है। यह दवा आमतौर पर नसों में इंजेक्शन के माध्यम से दी जाती है। जैसा कि आपने कई फ़िल्मों में देखा होगा।
- प्रश्न पूछना (Interrogation): जब दवा का प्रभाव शुरू हो जाता है, तो व्यक्ति से सभी प्रकार के सवाल पूछे जाते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति के सच बोलने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि उसकी मानसिक कन्ट्रोल कम हो जाता हैं। चेक करने के लिए पहले जो जानकारी सही और पहले से पता होती है वही पूछा जाता है। जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर इत्यादि
- रिकॉर्डिंग (Recording): पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया जाता है ताकि बाद में इसका विश्लेषण किया जा सके। यह रिकॉर्डिंग जांच एजेंसियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित होती है।
Uses of Narco Test in hindi
नार्को टेस्ट का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है:
- क्रिमिनल जाँच (Criminal Investigations): पुलिस विभाग और अन्य कानून जाँच एजेंसियां संदिग्धों से पूछताछ के लिए उनकी इजाज़त लेके इसका उपयोग करती हैं। कई बार क्रिमिनल इससे बच के भी निकल जाते हैं।
- महत्वपूर्ण मामलों में (Important Cases): कुछ महत्वपूर्ण मामलों में, जब अन्य सबूत पर्याप्त नहीं होते, तो नार्को टेस्ट का सहारा लिया जाता है। ताकि जल्दी और सही नतीजे पर पहुंचा जा सके।
Reliability of Narco Test in hindi
नार्को टेस्ट की रिजल्ट पर हमेशा से सवाल उठते ही रहे हैं। इसके कुछ कारण हैं:
- दवा का प्रभाव (Effect of Drug): दवा का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है। इसीलिए प्रभाव के भरोसे निकलने वाले परिणाम को नजरअंदाज करना पड़ता है।
- झूठे बयान (False Statements): दवा के प्रभाव में व्यक्ति झूठे बयान भी दे सकता है, जिससे जांच प्रक्रिया प्रभावित हो जाएगी और सही नतीजे पर पहुंचना और कठिन हो जायगा।
Legal Aspects of Narco Test in hindi
भारत में नार्को टेस्ट को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है और इसे केवल व्यक्ति की सहमति से ही किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट बिना व्यक्ति की सहमति के नहीं किए जा सकता। इसके अलावा, नार्को टेस्ट के दौरान दिए गए बयान अदालत में स्वीकार्य नहीं होते, सिवाय कुछ विशेष परिस्थितियों के। ये बात सभी को जानना बहुत जरूरी है।
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