1. अहंकार नहीं बल्कि आत्मविश्वास आत्मविश्वास और अहंकार दो अलग चीजें हैं। अहंकारी होने का अर्थ है हर परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाना। आत्मविश्वास का अर्थ है स्वयं पर विश्वास करना या अनुभव करना। प्रबंधन, नेतृत्व या कार्य में अहंकार के लिए कोई स्थान नहीं है। अहंकारी व्यवहार संबंधों को खराब करता है।

यह जरूरी नहीं कि कोई नेता सर्वश्रेष्ठ ही हो। यह संभव नहीं है कि हर नेता सबकुछ करेगा। लेकिन वह किसी भी स्थिति से तालमेल बिठा सकता है और उसे जीत सकता है। किसी भी परिस्थिति में काम करने के लिए अनुकूलनशीलता और लचीलेपन का होना जरूरी है। इससे नेता की क्षमता का पता चलता है।

3. जिन लोगों ने उनका विरोध करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और उनसे सीख लेना, सुनक में उदारता और कृतज्ञता को दर्शाता है।

4. राजनीतिक पृष्ठभूमि यह समझा जाता है कि ऋषि सुनक एक कट्टर राजनीतिज्ञ हैं। उनकी उपस्थिति में रूढ़िवादी पार्टी समृद्ध हुई और उन्होंने सरकार में बहुत योगदान दिया है। 7 साल के छोटे से राजनीतिक करियर में वह संसद सदस्य से लेकर प्रधानमंत्री तक बने।

हमारी जिंदगी में सबसे अहम चीज है शादी। एक अच्छा पार्टनर मिलना बहुत जरूरी है। वो एक इंसान जो हमारा पार्टनर बनता है हमारी जिंदगी बदल देता है। सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति की शादी एक अविस्मरणीय पल था, जिसने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को एक 'सुपर कपल' दिया।

6. सुनक हमेशा शांत, आत्मविश्वासी और धैर्यवान दिखते हैं और कार्य योजनाओं के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। लोगों को एक ऐसे नेता की जरूरत है, जिसके बारे में उन्हें लगे कि वह देश को चलाने के लिए सही फैसले लेगा।

7. दूसरों के प्रति आभार व्यक्त करें अपने जीवन की तुलना दूसरों से न करें। आप जो जीवन जी रहे हैं उसमें खुश रहने का प्रयास करें। इससे आपको परेशानी नहीं होगी। आपकी प्रतिस्पर्धा स्वयं से है।  इसलिए, हर दिन खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करें। दूसरों के प्रति आभार व्यक्त करें। इससे आपके बीच प्यार बढ़ेगा।

दो लोग कभी एक दूसरे जैसे नहीं होते इसलिए, अपने जीवन में लोगों को वैसे ही स्वीकार करें जैसे वे हैं। किसी भी व्यक्ति को बदलने का प्रयास न करें। इसके बजाय, वह जैसा है उसे वैसे ही स्वीकार करें। इससे आपको ख़ुशी मिलेगी और आपका मन खुश रहेगा।

राजनीतिक क्षेत्र की नींव जिसमें झलकती है राजनीतिक पृष्ठभूमि जब यह समझा जाता है कि ऋषि सुनक एक कट्टर राजनीतिज्ञ हैं। उनकी उपस्थिति में रूढ़िवादी पार्टी समृद्ध हुई और उन्होंने सरकार में बहुत योगदान दिया है। 7 साल के छोटे से राजनीतिक करियर में वह संसद सदस्य से लेकर प्रधानमंत्री तक बने।